प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्री आनंद कुमार तिवारी साहब ने केन्द्रीय जेल बड़वानी का निरीक्षण कर निरूद्ध बंदियों की समस्या जानी। Principal District and Sessions Judge Sir, Mr. Anand Kumar Tiwari Saheb inspected the Central Jail Barwani and to be a problem of renowned prisoners.

 प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्री आनंद कुमार तिवारी साहब ने केन्द्रीय जेल बड़वानी का निरीक्षण कर निरूद्ध बंदियों की समस्या जानी। 


बड़वानी 02 मार्च मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आनंद कुमार तिवारी साहब ने शनिवार को केद्रीय जेल बड़वानी न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष महोदय श्री आनंद कुमार तिवारी साहब के निर्देशानुसार द्वारा केंद्रीय जेल बड़वानी का निरीक्षण किया गया। इस दौरान केद्रीय जेल में निरूद्ध बन्दियों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने अवगत कराया कि वर्तमान में बड़वानी जेल में  कुल 1118. बन्दी निरूद्ध है, जिनमें 1083.पुरूष तथा .35.महिलाएं हे । माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्री आनंद कुमार तिवार साहब द्वारा पुरूष व महिला बन्दी से बातचीत की और उनकी समस्यों को सुना। उनकी समस्याओं के निस्तारण हेतु वरिष्ठ जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिये। निरीक्षण के समय जेल में निरूद्ध बंदियों से उनकी तारीख पेशी एवं भोजन के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली गई तथा बन्दियों से आज के भोजन के बारे में पूछा गया। इसके अतिरिक्त बीमार निरूद्ध बन्दियों से उनके स्वास्थ्य के बारे में एवं उनको दी जाने वाली दवाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली गयी। माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय  द्वारा बैरकों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बन्दियों से विधिक सहायता के बारे मे पूछा गया तो बन्दियों ने बताया कि उन्हें विधिक सहायता मिल रही है। निरीक्षण के समय बन्दियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया जिस पर उनके द्वारा कोई समस्या नहीं बतायी गयी। इसके अतिरिक्त म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार केंद्रीय जेल , बड़वानी निरूद्ध बन्दियों को जानकारी देते हुये बताया कि ऐसे मामलें जिनमें 07 साल से कम सजा, प्रथम अपराधी होना चाहिए, महिलाओं बच्चों के विरुद्ध कोई अपराध नहीं होना चाहिए है और बन्दी कुछ समय कारागार में व्यतीत कर चुके हैं वो जुर्म शिवकर करके  प्रार्थना पत्र देकर सुलह के माध्यम से केश का अन्तिम रूप से निस्तारण करा सकते हैं, क्योंकि  प्लीबारगेनिंग के अन्तर्गत छोटे मामले आते हैं। उन्होंने पुरूष एवं महिला बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि यदि किसी बन्दी के पास पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है। 



 तो वह जेल अधीक्षक के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित कर निःशुल्क सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक माह में जेल लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। जिसमें बन्दियों के लघु आपराधिक वादों का निस्तारण किया जाता है, और विधिक जानकारी हेतु पैनल अधिवक्ता प्रत्येक माह जिला जेल में उपस्थित होते जिनसे विधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। बड़वानी केंद्रीय जेल में पुस्तकालय एवं विद्यालय का निरीक्षण के  प्रोजेक्ट ज्ञान गंगा के अंतर्गत बैरक शिक्षक के रूप में अपने बैरक के निरक्षर बंदियों को साक्षर करने में विशेष योगदान के लिए यह प्रशंसा पत्र माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्री आनंद कुमार तिवारी साहब द्वारा प्रदान किया जाता है।

 इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती सीता कन्नौजे,जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीप सिंह मुझल्दा, केन्द्रीय जेल अधीक्षक जोशेफाली तिवारी उप जेल अधीक्षक कुसुमलता डावर, सहायक जेल अधीक्षक आर एस वर्मा, सहायक जेल अधीक्षक विनय काबरा अन्य जेल प्रशासन के आधिकारी मौजूद रहे


बड़वानी से संजय बामनिया की रिपोर्ट

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