कैबिनेट मंत्री ने निःशुल्क शव वाहन को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की। The Cabinet Minister started by flagging off the free hearse

 कैबिनेट मंत्री ने निःशुल्क शव वाहन को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की

केबीएस न्यूज टीवी चैनल मंजू चौहान झाबुआ की रिपोर्ट 

            झाबुआ, प्रदेश में राज्य शासन द्वारा संचालित शासकीय संस्था में रोगी अथवा दुर्घटना पीड़ित के उपचार के दौरान मृत्यु उपरांत मृतक को निवास स्थल/शमशान घाट तक निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से शववाहन सेवा का संचालन प्रारंभ किया गया है। प्रदेश के समस्त 19 चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में 04 तथा शेष 37 जिलों के जिला चिकित्सालयों हेतु 02 के मान से कुल 148 शववाहनों का आवंटन किया गया है। 



             झाबुआ जिले को आवंटित दो शव वाहनों को कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री निर्मला भूरिया ने हरी झंडी दिखाकर निःशुल्क शव वाहन सेवा को प्रारम्भ किया गया। इस दौरान कलेक्टर नेहा मीना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्र सिंह चौहान एवं सहायक कलेक्टर श्री आशीष कुमार उपस्थित रहे। 

              मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस बघेल शव वाहन में उपलब्ध समस्त सुविधाओं के संबंध में अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 108 पर कॉल करके निःशुल्क शव वाहन की सुविधाएं ली जा सकती है।  


*योजना का उद्देश्य:-*

               योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में रोगी दुर्घटना पीड़ितों की इलाज के दौरान मृत्यु (Institutional death only) होने पर मृतक को सम्मानपूर्वक अपने परिजनों को सुपुर्द कर निःशुल्क उनके निवास स्थल तक पहुंचाना है।


*योजना हेतु निर्धारित पात्रता:-*

              परियोजना अंतर्गत शववाहन द्वारा शासकीय अस्पताल से मृतक के निवास स्थल/शमशान घाट तक निःशुल्क परिवहन किये जाने हेतु पात्रता निर्धारित है। जिसके तहत शव वाहन का संचालन केवल जिले की सीमा के अंदर किया जाये। विभाग द्वारा शव वाहन संचालन राज्य शासन द्वारा संचालित शासकीय चिकित्सा संस्थानों में हुई मृत्यु के प्रकरणों में उपयोग किया जाये। निजी चिकित्सालयों, निवास स्थल एवं अन्य किसी भी स्थान में हुई मृत्यु के प्रकरण में शववाहन उपलब्ध कराये जाने की पात्रता नहीं होगी।


*योजना का क्रियान्वयन:-*

                समस्त शववाहन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा जिला अस्पताल में तैनात होंगे एवं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की निगरानी एवं नियंत्रण में कार्य करेंगे। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा जिला अस्पताल के अतिरिक्त अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्था (CH,CHC, PHC) में हुई संस्थागत मृत्यु के प्रकरण में मृतक के परिवहन हेतु सम्बंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आवश्यकता अनुसार जिला चिकित्सालय/चिकित्सा महाविद्यालय से संपर्क कर शव वाहन उपलब्ध कराया जा सकेगा।



              जिला चिकित्सालय/चिकित्सा महाविद्यालय में उपचार के दौरान मृत्यु के प्रकरण में मृतक को शववाहन से परिवहन हेतु संबंधित स्वास्थ्य संस्था के नोडल द्वारा उक्त संस्था में तैनात शववाहन को मृतक के परिवहन हेतु उपलब्ध कराया जा सकेगा। प्रत्येक प्रकरण में शव वाहन के चालक द्वारा मृतक के परिवहन हेतु संबंधित शासकीय स्वास्थ्य संस्था से मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। उक्त जिम्मेदारी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन अध्वा चिकित्सा महाविद्यालय के नोडल की होगी। 

               शववाहन 24x7 संचालित होंगे जिसमें प्रत्येक समय एक वाहन चालक की उपस्थिति आवश्यक होगी।

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