फर्जी दस्तावेजों प्रस्तुत कर छत्तीसगढ स्थानांतरण आदेष निरस्त करवाने वाले को 07 वर्ष की जेल एवं 8000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया गया
बड़वानी 1 नवंबर 2023/न्यायाधीश प्रथम अपर सत्र न्यायालय बडवानी श्री कैलाश प्रसाद मरकाम बड़वानी के वि.स.प्रकरण क्र. 03/2019 के अपने फैसले में आरोपी रूलसिंह अछाले व्यवसाय तत्कालीन ग्रामीण उद्यान विकास एवं विस्तार अधिकारी पाटी जिला बड़वानी वर्तमान शासकीय नर्सरी कड़माल जिला धार म.प्र. को फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर स्थानांतरण निरस्त करवाने के आरोप में धारा 467 भादवि में 07 वर्ष एवं 1000 रूपये धारा 420,468 भादवि में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये एवं धारा 13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री सरदारसिंह अजनारे विषेष लोक अभियोजक(लोकायुक्त) जिला बड़वानी द्वारा की गई।
अभियोजन मीडिया प्रभारी सुश्री कीर्ति चौहान/एस.एस.अजनारे द्वारा बताया गया कि 19 फरवरी 2016 को शिकायतकर्ता आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक विपुस्था. लोकायुक्त कार्यालय इंदौर के समक्ष उपस्थित होकर एक आवेदन पत्र मय दस्तावेजों के आर.एस.अछाले ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी पाटी जिला बडवानी के विरूद्ध प्रस्तुत कर आर.एस.अछाले द्वारा लाभ प्राप्त करने के लिए स्वयं की पत्नी का स्वास्थ्य विभाग बडवानी में ए.एन.एम. के पद पर पदस्थ होना फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बताते हुए छत्तीसगढ राज्य में हुए स्थानांतरण को निरस्त कराने में पद का दुरूपयोग किये जाने के संबंध में प्रस्तुत किया गया। लोकायुक्त कार्यालय इंदौर द्वारा संपूर्ण विवेचना उपरांत यह पाया गया कि वर्ष 2000-01 में आरोपी आर.एस. अछाले द्वारा उसकी छत्तीसगढ राज्य को सौपी गई सेवाओं संबंधी आदेष निरस्त किये जाने हेतु स्वयं की पत्नी श्रीमति कामीनी अछाले का ए.एन.एम के पद पर दिनांक 12.01.2001 को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बोकराटा जिला बड़वानी में पदस्थ होने संबंधी फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया जिसके आधार पर स्वयं का स्थानांतरण निरस्त करवाया गया। आरोपी द्वारा लोक सेवक के रूप में म.प्र. मे पदस्थ रहते हुए लाभ प्राप्त करने की नियम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अभ्यावेदन प्रस्तुत कर पद का दुरूपयोग किया जाकर अवैध लाभ प्राप्त किया गया। प्राथमिक जांच निरीक्षक एसपीएस राघव विपुस्था लोकायुक्त इंदौर द्वारा कि गई थी जिसमें प्रथम विवेचक षिवसिंह यादव उप पुलिस अधीक्षक विपुस्था इंदौर एवं द्वितीय विवेचक निरीक्षक राजकुमार सराफ विपुस्था इंदौर के द्वारा विवेचना कर आरोपी के विरूध्द अपराध प्रथम दृष्टया पाया गया। आरोपी के विरूद्ध धारा 13(1)डी 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 420, 467 एवं धारा 468 में अपराध पंजीबद्ध कर एवं विवेचना कर लोकायुक्त इंदौर द्वारा अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
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संजय बामनिया
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