इंदौर के कलाकारों को लेकर बनी फिल्म में नेत्रहीन युवा का करिश्मा, पूरा संगीत दिया The charisma of the blind youth in the film about the artists of Indore, gave full music

इंदौर के कलाकारों को लेकर बनी फिल्म में नेत्रहीन युवा का करिश्मा, पूरा संगीत दिया 

सेंसर बोर्ड ने दिया यूए सर्टिफिकेट, 14 अक्टूबर को इंदौर सहित सारे देश में रिलीज होगी 



इंदौर,। शहर से सटे दतोदा गांव के विजय पांचाल नामक एक ऐसे युवक ने फिल्म ‘राज डर का’ में संगीत दिया है, जो पूरी तरह से नेत्रहीन है। विजय ने अपनी इस कमजोरी को अपने काम पर हावी नहीं होने दिया और संभवतः यह देश में पहला उदाहरण होगा, जब एक दृष्टीहीन युवक ने पूरी फिल्म का संगीत संजो दिया। इस फिल्म में लगभग सभी कलाकार इंदौर एवं आसपास के हैं तथा शुक्रवार, 14 अक्टूबर को इसका प्रदर्शन इंदौर सहित देश के चुनिंदा सिनेमाघरों में होने जा रहा है। 

फिल्म के निर्देशक लखन गौड़, प्रोड्यूसर लोकेश शर्मा एवं प्रमोद जैन ने बताया कि अब तक केवल संगीत निर्देशक रविन्द्र जैन ने ही हिन्दी फिल्मों में नेत्रहीन होते हुए भी संगीत दिया, लेकिन दतौदा गांव के विजय पांचाल की कहानी कुछ अलग है। इस युवा को म्यूजिक अरेंजमेंट और म्यूजिक क्रिएशन में बचपन से ही महारत हांसिल है। आंखें नहीं होने के बावजूद उन्होंने कम्प्यूटर सीखा, उसे चलाया, बल्कि कम्प्यूटर की मदद से म्युजिक भी तैयार किया है। विजय पांचाल बहुत अच्छे प्यानो प्लेयर भी हैं और यदि हम उन्हें म्यूजिक बनाते और प्यानो चलाते हुए देखेंगे तो अपनी आंखों पर विश्वास करना मुश्किल होगा। उनके कम्प्यूटर में मॉनीटर भी नहीं है, क्योंकि आंखों से देख नहीं पाने के कारण उनके लिए मॉनीटर का उपयोग कोई मायने नहीं रखता। उनके कम्प्यूटर में उनका एक साफ्टवेयर है, जिसकी मदद से वे अपना संगीता तैयार करते हैं। उनका सारा काम केवल कम्प्यूटर के बटन की आवाज पर निर्भर है। वे आवाज सुनकर समझ लेते हैं कि कम्प्यूटर में कौनसा फंक्शन एक्टिव है और उसे क्या कमांड देना है। विजय पांचाल की इस दक्षता को देखकर इस कहावत पर विश्वास करना ही पड़ेगा कि जब भगवान हमसे कोई एक चीज छीन लेता है तो उसके बदले में बहुत कुछ ऐसा भी दे देता है जो सामान्य से भी अधिक महत्वपूर्ण बन जाता है। फिल्म ‘राज डर का’ का पूरा म्यूजिक विजय पांचाल ने ही तैयार किया है, गाने भी उन्होंने संगीत की कर्ण प्रिय धुनों से सजाए हैं और पार्श्व संगीत भी उन्होंने ही तैयार किया है। केवल फाइनल  संगीत फिल्म की टाइम लाइम पर एडिटर ने जमाया है। इतनी खूबियों के बावजूद विजय पांचाल न तो मीडिया से मिलने के लिए तैयार हैं और न ही अपनी तस्वीर साझा करना चाहते हैं। उनसे उनके गांव दतौदा जाकर जरूर मिला जा सकता है। 

फिल्म ‘डर राज का ’ एक ऐसी युवती की कहानी है, जो तमाम विपरीत हालातों के बावजूद अपनी जिंदगी को एक मुकाम तक लेकर जाती है और दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाती है। महिला सशक्तिकरण के साथ ही इस फिल्म के माध्यम से अंध श्रृद्धा, जादू-टोने, तंत्र-मंत्र जैसी कुरीतियों पर भी करारा प्रहार किया गया है। फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कुछ दृश्य हटाने के बाद यूए सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। फिल्म की शूटिंग भी इंदौर, मांडव, तिंक्षाफाल एवं आसपास के रमणीय स्थलों पर की गई है। शुद्ध हिन्दी में बनी इस फिल्म की अवधि 2 घंटे 10 मिनट की है और इसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है। फिल्म में आयान कपूर, जागृति शेल्के, प्रवीण पुरोहित, पायल राठौर, संतोष पाल, पूजा पाल, आकाशमणी शिवहरे, सरिता तिवारी जैसे सभी कलाकार इंदौर, देवास एवं आसपास के सामान्य पृष्ठ भूमि के युवा हैं। फिल्म में हॉरर दृश्य भी हैं तो रोमांस और प्रेम प्यार से जुड़े प्रसंग भी बहुत बेहतर तरीके से संजोए गए हैं। फिल्म शुक्रवार 14 अक्टूबर को रिलीज हो रही है।

केबीएस टीवी न्यूज़ मध्य प्रदेश से प्रधान संपादक श्री कृष्णा सिरसाट की रिपोर्ट

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