समूह से जुड़कर पूजा दीदी पलायन छोड़ बनी लखपति दीदी,आत्मनिर्भर होकर समूह के माध्यम से अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शासन की योजनाओं का लाभ दिलवा रही है पूजा दीदी
केबीएस न्यूज टीवी चैनल झाबुआ मंजू चौहान की खास रिपोर्ट
झाबुआ, झाबुआ जिले की विकासखण्ड थान्दला के ग्राम पंचायत बेडावा की पूजा पति विरम डामेशा समूह में जुडने के पूर्व अपने पति के साथ गुजरात पलायन कर मजदूरी करने जाती थी। वह 12वीं पढी लिखी होने के बाद भी अपनी योग्यता अनुसार कार्य नहीं करने का दुख लिये काम करती थी। 2019 में ग्रामीण आजीविका मिशन के स्टाफ से संपर्क हुआ और उन्होने 10 महिलाओ को जोड़कर अरूण आजीविका बचत समूह का गठन किया गया। पूजा ने ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से आरसेटी से सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त कर मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना से 50000 हजार का ऋण प्राप्त कर सिलाई का कार्य शुरू किया गया। कोविड के दौरान लॉकडाउन में पूजा ने मास्क बनाने का कार्य किया गया। जिससे 45000 रूपये मास्क निर्माण से कमाए। गणवेश सिलाई कर 36000 रूपये की कमाई की गई। पूजा ने सिलाई का कार्य करते हुए बीए की पढ़ाई कर स्नातक की पढाई पूर्ण कर ली।
*परिवार को सहयोग-*
सिलाई का कार्य सुचारू रूप से चलने लगा । पूजा ने सिलाई से कमाई कर अपने बेरोजगार पति को आटो गैरेज खुलवाकर रोजगार से जोडा गया। क्योंकि पति पैसे के अभाव में अनुभव होने के बावजूद गैरेज नहीं खोल पा रहा था। धीरे-धीरे पूजा का आत्मविश्वास बढ़ने लगा। पूजा एक कमरे वाले कच्चे मकान में रहती। उसका सपना था कि मुझे पक्का मकान बनवाना और मोटर सायकिल खरीदना, बच्चो को अच्छे स्कूल में पढ़ाई करवाना तथा अपने तथा परिवार को लखपति की श्रेणी में लाना। एस.वी.ई.वी. योजना से पुनः 30000 का ऋण लेकर अपने पति के गैरेज के साथ गाडी धोने की मशीन खरीदी जिससे अब पति का व्यवसाय भी बहुत अच्छी तरह से चलने लगा। ग्राम संगठन से 100000 लाख का लोन लिया तथा दोनों पति पत्नि ने मिलकर अपनी कमाई की राशि मिलाकर एक पक्का मकान बनवाया एवं मोटर सायकिल खरीदी ।
*ग्राम विकास एवं सामाजिक विकास में सहयोग-*
समूह की दीदीयों को ग्राम सभा में भागीदारी करवाकर शासन की योजना से जुडवाने में मदद की गई। जिसमें दिव्यांग पेंशन -4, विधवा पेंशन-7, लाडली लक्ष्मी योजना-4 ,लाडली बहना योजना -250 आदि अनेक योजना के आवेदन भरवाकर लाभ दिलवाया गया। ग्राम की योजना बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाई। कोविड महामारी के दौरान ग्राम में जागरूकता रैली निकालवाकर टीकाकरण में सहयोग किया ।
पूजा ने अपने सपने को साकार करने के लिये योजना बनाकर पूरी ईमानदारी और मेहनत से कार्य किया गया जिससे आज पूरे परिवार को पलायन से मुक्ति दिलवाई। पूजा स्वयं सिलाई का कार्य करते हुए तथा पति की आटो गैरेज एवं गाडी धोने की मशीन से प्रतिदिन 1500 से अधिक की आमदनी प्राप्त कर रही है। वह प्रतिदिन 300 रूप्ये की बचत डायरी भी भरती है। पूजा की मेहनत एवं पढ़ाई के आधार पर 2022 में ग्राम में आंगनवाडी सहायिका के पद पर चयन किया गया । आज पूजा का परिवार अन्य दीदीयों के लिये एक उदाहरण बन गया है।
*घर में परिवहन की उपलब्धी-*
पूजा के द्वारा अपने सपने को साकार करने का दौर अभी भी जारी है पूजा के द्वारा एनआरएलएम स्टाप के सहयोग से एमपीजीबी बैंक ब्रांच से बात कर एक फोर व्हीलर खरीदी गई। पूजा दीदी द्वारा गाड़ी भाड़े व टूर पर भेजी जाती है। जिससे पूजा की आमदनी 10000 से 15000 हजार की प्रति माह बढ़ी जिससे परिवार तथ गाँव में पूजा का मान सम्मान ओर बढ़ा।
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