जिले की 81 गौशालाओं में किया जा रहा 15 हजार 393 गौवंश का संरक्षण ग्राम मोरखेडा में गौवंश वन्‍य विहार निर्मित कर 2 हजार निराश्रित गौवंशीय पशुओं को होगा संरक्षण। 15 thousand 393 cows are being conserved in 81 cow sheds of the district. 2 thousand destitute cattle will be protected by building a cow sanctuary in village Morkheda.

 जिले की 81 गौशालाओं में किया जा रहा 15 हजार 393 गौवंश का संरक्षण ग्राम मोरखेडा में गौवंश वन्‍य विहार निर्मित कर 2 हजार निराश्रित गौवंशीय पशुओं को होगा संरक्षण


मंदसौर 18 दिसंबर 24/ मंदसौर जिले में गौरक्षण में स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं के द्वारा 26 गौशाला का संचालन किया जाकर कुल 9298  गौवंश का संरक्षण तथा मनरेगा अंतर्गत निर्मित मुख्‍यमंत्री गौशाला 55 गौशालाओं में कुल 6095 गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। 




गौशालाओं में मुख्‍य रूप से स्‍थानिय गौवंश नश्‍ल मुख्‍यत: मालवी नस्‍ल का संरक्षण किया जाता है। गौ संरक्षण के लिये एक वृहद स्‍तर का गौवंश वन्‍य विहार ग्राम मोरखेडा तहसील सीतामउ में स्‍वीकृत होकर कुल 80.990 हेक्‍टयर जमीन पर निर्मित किया जायेगा। जिसमें लगभग 2000 निराश्रित गौवंशीय पशुओं को संरक्षण दिया जायेगा।



गौ संवर्धन के क्षैत्र में जिला मंदसौर में विभागीय गीर प्रजनन प्रक्षैत्र की स्‍थापना ग्राम गुर्जरबर्डिया तहसील मंदसौर में की गई है। प्रक्षैत्र पर वर्तमान में 38 गिर गाय तथा 19 नर बछडे, 17 मादा बछिया है।  प्रक्षैत्र का मुख्‍य उद्धेश्‍य भारतीय गीर नश्‍ल के नर बछडों को तैयार करना है तथा उन्‍हें क्षैत्र के गौवंशीय पशुओं की नस्‍ल सुधार हेतु प्रदाय करना ताकि पशुपालक की आर्थिक स्थिती में सुधार के साथ दुग्‍ध उत्‍पादन में वृद्धि करना है। 




गौ संवर्धन क्षैत्र में विभाग के द्वारा राष्‍ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय नस्‍ल को बढावा देने के लिये गीर/थारपारकर/साहिवाल नस्‍ल के सीमन का अधिकाधिक उपयोग किया जाकर गौ संवर्धन किया जा रहा है तथा सेक्‍स सार्टेड सीमन के उपयोग से 90 प्रतिशत मादा बछिया का उत्‍पादन के लिये विकास खण्‍ड मल्‍हारगढ, गरोठ को पायलेट प्रोजेक्‍ट में लिया गया है। गौ संवर्घन एवं गौ संरक्षण के माध्‍यम से जिला मंदसौर गौ नस्‍ल सुधार, दुग्‍ध उत्‍पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। 


इन गौ-शालाओं को आर्थिक रूप से स्‍वावलंबी बनाने के लिये गौबर-गौमुत्र से औषधि निर्माण, फसल रक्षक औषधियों का निर्माण, जैविक खाद बनाने के लिये प्रोत्‍साहित एवं प्रशिक्षण दिया जाता है।

मंदसौर से जिला ब्यूरो अमन सिंह चौहान की रिपोर्ट 

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