आज होगा होली का डांडा रोपण: एक महीने के लिये थम जायेंगे शुभ मांगलिक कार्य 13 मार्च को होलीका का दहन होगा
अंजड़ होली का डांडा रोपण के साथ शुभ कार्य एक महीने के लिये टल जायेंगे। होली का डांडा आज 12 फरवरी को रोपण शाम को जायेगा।
होली का डांडा रोपण होली के त्योहार से ठीक एक महीने पहले होता है। माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में विधि विधान से होली का डांडा रोपने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब डांडा रोपण हो जाता है, उसके बाद विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते।
होली का आगाज डांडा रोपण से माना जाता है। पहले डांडा रोपण के साथ ही होली की मस्ती शुरू हो जाती थी। आज यह एक केवल परंपरा रह गई है। इस परम्परा को कई जगह अब भी नियमित रूप से निभाया जा रहा है। जिस स्थान पर होली दहन होता है वहां एक बड़ा सा डांडा ( लड़की की टहनी) को लगाया जाता है। यह डंडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक होता है। हालांकि अब अधिकांश जगह यह डांडा होलिका दहन से कुछ देर पहले रोपण कर खानापूर्ति की जाती है।
पंडित लखन शर्मा ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार हिरणकश्यप भक्त प्रहलाद का वध करने के लिए अपनी बहन होलिका के साथ अग्नि स्थान में बैठा देता है। भगवान के आशिर्वाद से प्रहलाद बच जाते है और होलिका जल जाती है। होलिका को अग्नि में नहीं जलने का वरदान प्राप्त था। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली पर चौराहों पर होलिका दहन होता है और फिर निमाड़ क्षेत्र में धुलंडी पर गम की होली अगले दिन मनाते हुए रंग डालते हुए परंपरा अनुसार समाजजनों द्वारा रंग डाला जाता है तो वहीं रंगपंचमी पर मस्ती के साथ धुमधाम से रंग गुलाल से होली खेली जाती है।
होली 2025 मुहूर्त
इस साल होलीका दहन 13 मार्च को है। वहीं ठीक 5 दिन बाद 19 मार्च को रंगपंचमी है। इस दिन दिनभर रंग—गुलाल से होली खेली जाएगी।
अंजड़ से देवेन्द्र यादव की रिपोर्ट
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