कानपुर में समाज कल्याण अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप निदेशालय के आदेश के बाद बनाई गई जांच कमेटी,17 गंभीर आरोपों की होगी जांच, जांच के बाद होगी कार्यवाई
कानपुर में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी प्रज्ञा पांडेय पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण, निदेशक समाज कल्याण को शिकायत पत्र भेजकर सिविल कोर्ट के वकील ने जांच करने की मांग की थी। निदेशालय ने सीडीओ को जांच कमेटी गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए थे। सीडीओ सुधीर कुमार ने दो सदस्यीय कमेटी गठित कर तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
ब्लैक लिस्टेड फर्म को किया भुगतान
एक वर्ष तक जिला समाज कल्याण अधिकारी पद पर तैनात रहीं प्रज्ञा पांडेय लगातार किसी न किसी मामले में चर्चा रहीं हैं। वर्तमान में शासन ने उनका तबादला कर प्रयागराज का समाज कल्याण अधिकारी बना दिया है।
बीते फरवरी माह में सामूहिक विवाह में घटिया सामग्री देने की शिकायत पर जांच बैठी थी। जिसमें फर्म दोषी पाई गई थीं। जिसमें फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर 25 लाख रुपए की धनराशि कटौती कर भुगतान किया गया था।
GPF भुगतान पर 60 हजार तक की वसूली
अब सिविल कोर्ट के वकील वीके सिंह ने शासन में शिकायती पत्र में बताया कि छात्रावास, वृद्धा आश्रम के बजट से 25% तक वसूली, चहेते ठेकेदारों को ठेका देकर 50 % तक कमीशन लेना, सेवानिवृत्त शिक्षकों के GPF भुगतान करने पर 30 से 60 हजार रुपए की वसूली करना, विभागीय कार्य दिखाकर अपने निजी आवास का सौंदर्यीकरण कराया गया।
कमीशन न देने पर एरियर का भुगतान नहीं
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों द्वारा कमीशन न देने पर एरियर का भुगतान नहीं किया गया। इस तरह से करीब 17 गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शासन के निर्देश पर सीडीओ ने डीसी मनरेगा रमेश चन्द्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच कमेटी में नामित किया है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। आगे की कार्यवाई शासन स्तर से होगी।
ब्यूरो रिपोर्ट कानपुर
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