शासकीय योजनाओं में हितग्राही को ऋण स्वीकृति के साथ उसका वितरण भी समय पर करे बैंके-कलेक्टर श्री वर्मा
केबीएस टीवी न्यूज चैनल बड़वानी से सह संपादक रघुनाथ सेन कि रिपोर्ट
बड़वानी 22 दिसम्बर 2022/सरकार द्वारा अनेक योजनाएं युवाओं के स्टार्ट अप के लिए या व्यवसाय एवं कृृषि को आगे बढ़ाने के लिए चलाई जा रही है। शासकीय योजनाओं के लिए हितग्राही विभाग में आवेदन करता है तो विभाग के द्वारा तो उसका आवेदन स्वीकृत कर दिया जाता है परंतु जब उसका आवेदन बैंक में जाता है तो उस आवेदन में समय पर स्वीकृति एवं ऋण वितरण की प्रक्रिया पूर्ण नही होती। इससे व्यवसाय करने वाला व्यक्ति का मनोबल गिरता जाता है और उसका विश्वास शासकीय योजनाओं एवं बैंकों पर कम होने लगता है। हम हमारे थोड़े से प्रयास से किसी व्यक्ति एवं उसके परिवार का जीवन बदल सकते है। अतः बैंकर्स ये करे कि सभी शासकीय योजनाओं में स्वीकृति एवं ऋण वितरण की प्रक्रिया साथ-साथ सम्पन्न की जाये। साथ ही जिन प्रकरणों में स्वीकृति नही दी जा सकती है उन्हे प्रारंभ में ही हितग्राही को बताया जाये।
कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने उक्त बाते गुरूवार को आयोजित डीएलसीसी की बैठक के दौरान उपस्थित विभिन्न बैंकों के बैंकर्स को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि उनके पास शिकायत आती है कि पहले तो बैंक ऋण देने के लिए तैयार थी, और बैंक ने उससे आवश्यक कार्यवाही भी पूर्ण करवा ली। और बाद में बैंक ने यह कहकर उनका प्रकरण निरस्त कर दिया कि उनका सीबील खराब है। ऐसे प्रकरणों में पहले ही हितग्राही का सिबील चेक किया जाये अगर उसका सिबील खराब है तो ऋण की कार्यवाही ही प्रारंभ न करवाई जाये। क्योकि ऋण की कार्यवाही के लिए व्यक्ति राशि खर्च करता है और बाद में ऋण नही मिलता है तो विवाद एवं शिकायत की स्थिति उत्पन्न होती है।
बैठक में कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्री अनिल कुमार डामोर, एलडीएम श्री संजय फरक्या, एलडीओ एसबीआई श्री सचिन सुले, नाबार्ड के श्री विजेन्द्र पाटिल सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी एवं जिले की बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित थे।
पशुपालन विभाग के उप संचालक को शोकाज नोटिस जारी करने के दिये निर्देश
कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने डीएलसीसी की बैठक के दौरान बैठक से बिना बताये अनुपस्थित रहने पर उप संचालक पशु पालन श्री आरसी रत्नावत को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने के निर्देश भी दिये है।
बैठक में दिये गये निर्देश
ऽ जिले के ग्रामों में बैंक के कार्यो को पूर्ण करने के लिए आजीविका मिशन की दीदीयों को बैंक सखी बनाया जाये। पहले से जो बैंक सखी बनाई गई है और अगर वे कार्य नही करती है तो इनके स्थान पर उसी ग्राम की दूसरी महिला को बैंक सखी बनाया जाये।
ऽ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के किसानों के आधार उनके बैंक खातों से बैंकों द्वारा लिंक किया जाये। आधार लिंक न होने पर किसान को राशि प्राप्त नही होगी और इसके लिए शासन के द्वारा बैंक जिम्मेदार माने जायेंगे।
ऽ 31 दिसम्बर तक सभी शासकीय योजनाओं के स्वीकृत ऋण प्रकरणों में बैंकों द्वारा हितग्राहियों को राशि जारी की जाये।
ऽ जिन शासकीय योजनाओं में बैंक द्वारा दस्तावेज की कमी के कारण ऋण स्वीकृत नही किया गया है, इसकी जानकारी बैंक द्वारा संबंधित विभाग को दी जाये। विभाग उन प्रकरणों में 31 दिसम्बर तक दस्तावेजीकरण पूर्ण कराये।
ऽ बैंकर्स 31 दिसम्बर तक यह बता दे कि उनकी बैंक शाखा में किन हितग्राहियों के ऋण प्रकरण स्वीकृत हो सकते है या नही।
ऽ अगर खराब सिबील के कारण ऋण प्रकरण निरस्त किया है तो इसकी जानकारी हितग्राही के साथ-साथ संबंधित विभाग को भी दी जाये। जिससे शासकीय योजना के तहत अन्य हितग्राही को प्रकरण बनाकर बैंक भेजा जाये।
ऽ सभी बैंकर्स यह प्रयास करे कि 31 दिसम्बर तक शासकीय योजनाओं के अधिक से अधिक प्रकरणों में ऋण की स्वीकृति एवं वितरण प्रदान करे।
ऽ कृषि विभाग के द्वारा बैंकों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी देेने हेतु फ्लेक्स लगाये जाये। साथ ही विभाग द्वारा किसानों को इसके लाभ भी बताये जाये।
ऽ जिन केसीसी प्रकरणों को निरस्त कर दिया गया है, उनका एक बार पुनः परीक्षण किया जाये।
ऽ जिन योजनाओं में हितग्राही को सब्सीडी मिलना है, उन प्रकरणों में सब्सीडी के लिए प्रकरणों को समय पर शासकीय पोर्टल पर अपलोड किया जाये।
बड़वानी जिले में 2960ण्69 करोड़ ऋण संभाव्यता - नाबार्ड द्वारा पीएलपी तैयार
जिला स्तरीय सलाहकार समिति बैठक दौरान कलेक्टर श्री शिवराज वर्मा द्वारा वर्ष 2023-24 बड़वानी जिले के लिए नाबार्ड द्वारा क्षेत्र /उपक्षेत्र वार पीएलपी (पोटैन्श्यल लिंक्ड क्रेडिट प्लान) संभाव्यता का अनावरण किया गया। श्री विजेंद्र दिनकर पाटील, डीडीएम नाबार्ड ने बताया की 2960.69 करोड़ के कुल ऋण आँकलन के साथ वर्ष 2023-24 के लिए संम्भाव्यता युक्त ऋण योजना (पी.एल.पी) तैयार की गई है। कृषि क्षेत्र हेतु 1922.16 करोड़, एमएसएमई क्षेत्र हेतु 919.32 करोड़ तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 119.33 करोड़ का आँकलन किया गया है। कृषि मियादी ऋण 768 करोड़ का आँकलन किया गया है जो कुल कृषि ऋण का लगभग 40 प्रतिशत है।
संभावित उपलब्धि, गत वर्षो में बैंकों की उपलब्धियों, पिछले आधार स्तरीय ऋण प्रवाह,भारतीय रिजर्व बैंक के साथ चर्चा, एसएलबीसी के साथ बैठक, क्षेत्रवार वर्तमान रुझान, महत्वपूर्ण क्षेत्र आदि,भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं/नीतियों में बदलाव से उत्पन्न संभावनाएँ, नयें वित्तमान के निर्धारण, आधारभूत/सहायक सुविधाओें में सुधार जैसे कारणो को ध्यान मे रखते हुए वर्ष 2023-24 की आंकलित सम्भाव्यता युक्त ऋण योजना तैयार की गयी है।
नाबार्ड ने वर्ष 2023-24 के लिए कुछ क्षेत्रों की पहचान की हैं जिन पर जोर दिया जाना चाहिए जिसमे एसएचजी ध् जेएलजी वित्तपोषन, सिंचाई सुविधाओं में विस्तार, वेयरहाउसिंग, डेयरी विकास में सुधार, कृषक उत्पादन संगठन इत्यादि हैं। इस बार समन्वित कृषि प्रणाली पर, फूड - एग्रो प्रोसेसिंग एवं नाबार्ड द्वारा आरआईडीएफ अंतर्गत लिफ्ट सिंचाई योजना (नागलवाड़ी लिफ्ट इरिगेशन) से लाभान्वित क्षेत्रों (राजपुर ठीकरी) में माइक्रो (स्प्रिंकलर) इरीगेशन के लिए ऋण प्रवाह पर जोर दिया गया हैं। एलडीएम श्री संजय फरक्या ने बताया की पीएलपी के आधार पर एलडीएम द्वारा अगली वार्षिक साख योजना (एसीपी) तैयार की जाएगी।
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