आराधना की साधना की प्रयोग शाला में जो सीखा उसको अपने जीवन में उतारो - मुनि श्री संधान सागर जी
Apply what you learned in the laboratory of worship of worship in your life - Muni Shri Sandhan Sagar ji
बड़वानी(निप्र) दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र बावनगजा पर परम पूज्य आचार्य शिरोमणि विद्या सागर जी महामुनिराज के अज्ञानुवर्ती शिष्य और युवा तरुणाई के प्रखर वक्ता मुनि श्री संधान सागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे 10 दिवसीय दस लक्षण, पर्युषण पर्व के अवसर पर आराधना की साधना प्रयोग शाला में लगभग 500 शिविरार्थी थे और निरंतर 10 दिनों तक तप, त्याग ,उपवास की साधना में रत थे आज प्रातः मुनिश्री के सानिध्य में शिविरार्थियों का काफिला बड़े बाबा तक धूम धाम के साथ गया जहां भगवान आदिनाथ के चरणाभिषेक और भगवान की एक हजार नामो से शांति धारा मुनिश्री के मुखारविंद से संपन्न हुई , जिसमे शिविरार्थियों ने भगवान के बड़ी भक्ति भावपूर्वक अभिषेक और शांतिधारा संपन्न की ।
फिर जुलूस के रूप में तलहटी में मुनिश्री के साथ सभी पंडाल में आए जहा पर जिन तपस्वियों ने 10 उपवास किए थे उनका सम्मान ट्रस्ट कमेटी, भाव्यतिभव्य चातुर्मास कमेटी, एवम बड़वानी महिला मण्डल द्वारा किया गया, और उन्हें तिलक ,माला, पहना कर प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए । उक्त सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री संधान सागर जी महाराज ने कहा की 10 दिन की प्रयोगशाला का विश्लेषण करो और अंतर विश्लेषण करो गुरुदेव ने बोला की इससे आपका द्वंद ,आनंद में परिवर्तित हो जायेगा। मुनि श्री ने कहा की अति संधान नही संधान साधो अपने को अपने भीतर में सरलता लानी है , दुसरो की नही ,अपनी स्वयं की समीक्षा करो । मुनिश्री ने कहा की हमारे अंदर श्रद्धा का तेल होना चाहिए और हमने हमारे अंदर तर्क और बुद्धि का पानी डाल रखा है । आपको इन 10 दिनों में जो सिखाया गया है उसे अपने जीवन में उतार लेना ,आपका जीवन सफल हो जायेगा आपको पूरे साल के लिए रिचार्ज कर दिया है ।ये सारा कार्यक्रम आचार्य श्री के आशीर्वाद से ही संपन्न हो रहा है ,जितना भी ठाट बाट है समवशरण है सब आचार्य श्री की ही कृपा और आशीर्वाद है और परम पूज्य ज्येष्ठ भ्राता मुनि श्री दुर्लभ सागर जी की कठोर तपस्या का फल है मुनिश्री ने आचार्य के हाइकु
"सीना तो तानो पसीना बहाओ तो सही से बात समाप्त की ।
मीडिया प्रभारी मनीष जैन ने बताया की प्रवचन के
पश्चात मुनिश्री के सानिध्य में और उपस्थिति में सभी तपस्वियों का जिन्होंने 10 उपवास, 7उपवास,5,3,2,1 उपवास किए को पारणा कराया ।
अंत में ट्रस्ट कमेटी ने सभी का आभार माना क्षमा याचना की और बधाई दी ।
शिविरार्थियों ने सारी व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और सभी को अपने अपने घरों तक जाना था तो क्षमा याचना भी की ।
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