शिक्षित बनो अधिकारों को जानो --- श्याम वास्कले
प्रधान संपादक श्री कृष्णा शिरसाट की रिपोर्ट
अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर स्थानीय स्तर पर छटवा वर्ष मनाया गया।
आज नगर खेतिया के ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायतो के युवाओं के बिच अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया।
सर्वप्रथम धरती माता को, मोगी माता को नमन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत समाजसेवी श्याम वास्कले द्वारा किया गया।
आदिवासी समन्वय मंच, भारत के तत्वाधान मे" 13 सितम्बर प्रति वर्ष आदिवासी अधिकार दिवस के रूप मे मनाया जाता है। 12-13 सितम्बर को देश के अलग अलग क्षेत्रों मे राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।
मुख्य वक्ता श्याम वास्कले ने बताया की अनुच्छेद एक (1)से लेकर छियालिस(46) तक की धाराओं मे आदिवासी अधिकारों को समाहित किया गया है, जिसे जानना आपका हक है...जैसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के घोषणा पत्र में अनुच्छेद-1: आदिवासियों को सामूहिक रूप से अथवा व्यक्तिगत तौर पर, उन सभी मानवाधिकारों और मूल स्वतन्त्रताओं का पूरी तरह उपयोग करने का अधिकार है जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर, मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा और अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में स्वीकार किये गए है।
अनुच्छेद-2: आदिवासियों और व्यक्तियों, अन्य सभी लोगों एवं व्यक्तियों की भांति ही स्वतंत्र और बराबर है तथा अपने अधिकारों, विशेषकर उनके आदिवासी होने के कारण मिले अधिकारों को इस्तेमाल करने में किसी भी तरह के भेदभाव से मुक्त रहने का अधिकार है।
इस कार्यक्रम मे यूथ प्रतिनिधि विवेक अरविन्द और नेहा वीरसिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
उक्त दिवस पर उच्च स्नातक सहित हायर सेकंडरी के 350 से ज्यादा यूथ उपस्थित रहा।
आभार विवेक अरविन्द द्वारा किया गया।
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