अनिल सोलंकी बनकर आरक्षक ने की शादी, दो बच्चों का पिता निकला मुबारिक शेख। Anil Solanki married as a constable, Mubarik Sheikh turns out to be the father of two children

 अनिल सोलंकी बनकर आरक्षक ने की शादी, दो बच्चों का पिता निकला मुबारिक शेख

केबीएस न्यूज चैनल टी वी मंजू चौहान झाबुआ की खास रिपोर्ट 

झाबुआ। लव जिहाद’ के बढ़ते मामलों के बीच अब एक पुलिसकर्मी भी आरोपों के घेरे में आ गया है। झाबुआ में तैनात आरक्षक मुबारिक शेख के खिलाफ एक 27 वर्षीय युवती ने गंभीर आरोप लगाते हुए धोखाधड़ी और पहचान छिपाकर शादी करने का मामला दर्ज कराया है। 



मामला सामने आने के बाद झाबुआ कोतवाली में शून्य पर कायम की खंडवा पुलिस को एफआईआर भेज दी गई है। झाबुआ एसपी पद्मविलोचन शुक्ल ने मुबारिक को सस्पैंड कर दिया है।


 पीड़िता का दावा है कि मुबारिक ने खुद को अनिल सोलंकी बताकर उससे कोर्ट मैरिज की, लेकिन बाद में पता चला कि वह न केवल पहले से शादीशुदा है, बल्कि उसके दो बच्चे भी हैं। 


पीड़िता ने बताया कि उसकी मुलाकात मुबारिक से 2020 में खंडवा के पुलिस लाइन में हुई थी, जहां वह तब पदस्थ था। मुबारिक ने अपनी असली पहचान छिपाकर पीड़िता से प्रेम संबंध बनाए और फिर उससे शादी कर ली। चौंकाने वाली बात यह है कि शादी के बाद भी मुबारिक कभी उसे अपने घर नहीं ले गया। पीड़िता का आरोप है कि जब वह ढाई महीने की गर्भवती थी, तब मुबारिक ने उसे दवा देकर गर्भपात करा दिया। मुबारिक ने आखिर में पीड़िता से दूरी बना ली और उसे मोबाइल व सोशल मीडिया से ब्लॉक कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने झाबुआ थाने से लेकर एसपी, आईजी और डीजीपी तक शिकायत की। एफआईआर दर्ज हुई है, लेकिन पीड़िता का कहना है कि उसमें उसकी कई महत्वपूर्ण बातों को शामिल नहीं किया गया है।


मुबारिक की पहली शादी का खुलासा सोशल मीडिया के जरिए हुआ। पीड़िता ने मुबारिक के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक महिला की तस्वीर देखी। जब उसने उस महिला से बात की, तो उसने खुद को मुबारिक की पत्नी बताया और यह भी जानकारी दी कि उनके जुड़वां बच्चे हैं। इस खुलासे के बाद जब पीड़िता ने मुबारिक से जवाब मांगा, तो उसने उसे धमकाना शुरू कर दिया और कहा, “तुझसे जो बने कर लेना।”

फिलहाल, इस मामले की जांच खंडवा की कोतवाली पुलिस को सौंप दी गई है। मुबारिक शेख वर्तमान में झाबुआ की कोतवाली में पदस्थ है। यह मामला पुलिस विभाग के भीतर ही एक गंभीर सवाल खड़ा करता है और ‘लव जिहाद’ के संदर्भ में नई बहस को जन्म देता है।

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